Sunday, August 25, 2013

साधना ही एक मार्ग

साधना ही एक मार्ग
 जिससे परमात्मा का अनुभव किया जा सकता है। 


Monday, May 6, 2013


Ananda marga is a world wide socio-spritual mission founded by Shri Prabhat Ranjan Sarkar. It teaches scientific practices of selfdevlopment to all free of charge. it is also social service organization helping the disaster-affected and the needy and neglected in all nations 
        It has emerged as a global force at this moment in human history.when there is the greatest need for a holistic approach to the world's problems- economic crisis, Psychic alienation, disunity and strife.
the solution begins with a change the individual- physically, mentally and spritually-through scientific practices that develop one's potentialities.As we gradually develop ourselves we increase our ability to deal effectively with the challenges of life and to solve the problems of the society. And as our minds expand, we transcend the artificial barriers and prejudices of race, creed and nation which divide us we unite together and work actively to liberate all of humanity from economic and psychic exploitation and to buid a healthy and harmonious society.
      Ananda Marga is a universal movement of people dedicated to its goals of self-realization and the welfare of humanity. Anand Marg literally means "The path of bliss"-the way that leads both the individual and society to the highest goal.

Friday, April 26, 2013

आनन्द मार्ग स्कूल में एक विशेष आयोजन

आनंद मार्ग स्कूल लुधियाना में लगाये गए पेड़ पौदे 
जल्द ही पर्यावरण को बचाने के लिए भी अभियान शुरू करने का एलान 

पृथ्वी दिवस के उपलक्ष में आज स्थानीय आनन्द मार्ग स्कूल/आश्रम, न्यू कुंदन पुरी लुधियाना  में एक विशेष आयोजन हुआ। इस आयोजन के अंतर्गत स्कूल के सभी छोटे बड़े बच्चों ने अपने अध्यापक वर्ग के साथ मिल कर पौदे लगाये और वृक्षारोपण किया। स्कूल के प्रिंसिपल आचार्य गोविन्द नन्द ने स्वयं स्कूल की छात्र-छात्राओं को  इस मकसद के लिए उत्साहित किया और इस शुभ कार्य का महत्व भी बताया। बच्चों को पेड़ पौदों का वैज्ञानिक पक्ष भी विस्तार से बताया गया और मंत्रोचारण के साथ साथ आम, पपीता, इलायची, अंगूर के पेड़-पौदे लगाये गए। गत वर्ष लगाये गए जो पौदे बड़े हो गए थे उन्हें गमलों में से उखाड़ कर जमीन में लगाया गया। यह सिलसिला इतने जोश में था कि ज़ोरदार बरसात के बावजूद भी जारी रहा। बारिश में पेड़ पौदों को लगाने का कार्य होते देख कर ऐसा लग रहा था जैसे भीड़ भाड़ भरे इस नगर में प्राकृतिक छटा और दैवी माहौल  उतर आया हो। इसी बीच स्कूल 
प्रिंसिपल आचार्य गोविन्दनन्द अबधूत ने को बचाने के लिए जल्द ही एक अभियान शुरू करने की बात भी कही।